
केवल लिस्ट लगाने तक सीमित है तहसील प्रशासन, अधिकारी बदले, बाबू बदले, नहीं बदली व्यवस्था
हरिद्वार। ऊंचा रसूख, लापरवाह अधिकारी, बाबू और माफियाओं की कॉकटेल के चलते राजस्व के करोड़ों के बकायदारों से तहसील प्रशासन वसूली तक नहीं कर पा रहा। हाल ही में जिलाधिकारी ने लंबे समय से तहसीलों में जमा कई राजस्व निरीक्षक इधर से उधर किए, बावजूद इसके राजस्व वसूली में एक कौड़ी की भी बढ़ोतरी ना हो सकी। हरिद्वार तहसील क्षेत्र में ही अवैध खनन और दूसरे मामलों में उल्लंघन के बाद प्रशासन की ओर से करोड़ों का जुर्माना तो लगा दिया गया। लंबा जुर्माना लगाकर कई अधिकारी चलते बने और खूब वाहवाही लूटी लेकिन इसकी वसूली पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हरिद्वार तहसील में कई स्टोन क्रशरों और आबकारी से जुड़े मामलों में कई डिफॉल्टरों पर राजस्व विभाग नरमी बरत रहा है। इन देनदारों से तय समय में वसूली नहीं की जा रही है। जिससे सरकार को ना सिर्फ राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि निचले स्तर के अधिकारियों की देनदारों के साथ मिलीभगत भी सामने आ रही है। डीएम मयूर दीक्षित का कहना है कि राजस्व वसूली को लेकर जल्द समीक्षा बैठक की जाएगी और नियमों के मुताबिक सभी से वसूली की जाएगी।