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4 मई,2025 को सुबह 6 बजे खुलेंगे भगवान बद्रीनाथ के कपाट, टिहरी के राजमहल में हुई वैदिक रीति से तिथि की घोषणा
22 अप्रैल को टिहरी के नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में भगवान बद्री विशाल के अभिषेक के लिए पिरोया जाएगा तिलों का तेल
नरेंद्रनगर। (गौरव भाटिया) धरती पर बैकुंठ धाम कहे जाने वाले भगवान बद्री विशाल के कपाट,श्रद्धालुओं के लिए आगामी 4 मई को सुबह 6 बजे खोल दिए जाएंगे, जबकि भगवान बद्री विशाल के अभिषेक और अखंड ज्योति के लिए, नरेंद्र नगर के राजमहल में आगामी 22 अप्रैल को सुहागन महिलाओं द्वारा राजमहल में पीला वस्त्र धारण कर मूसल व सिलबट्टे से तिलों का तेल पिरोया जाएगा,
आज बसंत पंचमी के पावन अवसर पर नरेंद्र नगर के राजमहल में महाराजा मनु जयेंद्र शाह की जन्म कुंडली व ग्रह नक्षत्रों की गणना के आधार पर राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने ये तिथियां घोषित की, जिसकी घोषणा स्वयं महाराजा मनु जयेंद्र शाह ने की।
टिहरी नरेश मनुजेंद्र शाह ने श्रद्धालुओं की मंगलमय यात्रा की कामना करते हुए कहा है कि भगवान बद्रीनाथ धाम की यात्रा जो भी सच्चे मन से करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने देश दुनिया के सभी श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया। इस मौके पर महाराजा की पुत्री क्षीरजा अरोड़ा के अलावा, बद्रीनाथ धाम के रावल अमरनाथ नम्बूद्री, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल, केंद्रीय डिमरी पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, उपाध्यक्ष भास्कर डिमरी आदि मौजूद थे।
भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने की तिथि का ऐसे होता है चयन…
मान्यता है योग ध्यान मुद्रा में भगवान विष्णु की 6 माह देवता तो 6 माह मानव पूजा करते हैं, ठंड बढ़ने पर यहां मनुष्यों से पूजा का अधिकार लेकर देवताओं को दे दिया जाता है, जबकि 6 माह बाद शीत ऋतु बीतने पर देवताओं से पूजा का अधिकार वापस लेकर फिर से मानवों को दे दिया जाता है। टिहरी नरेश की जन्म कुंडली और ग्रह नक्षत्रों की स्थिति देखकर ही हर साल राजपुरोहित भगवान बद्री नारायण के मंदिर के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा करते हैं… देखें वीडियो..
सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार बसंत पंचमी पर राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विशेष पूजा संपन्न हुई, जिसके बाद स्वयं टिहरी नरेश ने कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की।